रादौर, 11 मार्च (कुलदीप सैनी) : ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन से सरकार द्वारा निरंतर सुरक्षित छात्रों को स्वदेश लाया जा रहा है। यूक्रेन के खारकीव की सरकारी मेडिकल यूनिवर्सिटी से फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रहा उपमंडल के गांव रादौरी का युवक रजत शर्मा भी अपने घर पंहुचा। बेटे के सुरक्षित घर पंहुचने पर जहाँ अब परिवार में ख़ुशी है, वही उन्होंने सरकार का भी आभार जताया है।
यूक्रेन से लौटे गांव रादौरी के रजत शर्मा ने बताया कि वह 2016 में यूक्रेन में मेडिकल की शिक्षा के लिए गया था। उसने कभी सोचा भी नहीं था की जिंदगी में ऐसा भयावह मंजर भी देखना पड़ेगा। उसने बताया कि वह यूक्रेन के शहर खारकीव की सरकारी मेडिकल यूनिवर्सिटी वीएन कराजीन में फाइनल ईयर का छात्र है और जून में ही उसकी शिक्षा पूरी होने के बाद उसे डिग्री मिल जाती, लेकिन युद्ध के कारण सब खत्म हो गया। रजत ने बताया कि छात्रों ने मेट्रो स्टेशन के बंकरो में रहकर रात गुजारी, और पेयजल के अभाव में उन्हें कैमिकल युक्त पानी को उबाल कर पीना पड़ा। इस दौरान उसकी इंडियन एम्बेंसी से बात होती रहती थी, लेकिन जब हालात ज्यादा खराब हुए तो वे करीब 10 किलोमीटर पैदल चलकर जैसे तैसे रेलवे स्टेशन पंहुचे और बाद भी कई घंटो के बाद पोलैंड के लवीव शहर में पंहुचे, जिसके बाद भारत सरकार की मदद से अपने देश सुरक्षित लौट सके है। रजत ने बताया कि यूक्रेन में इंडियन फ्लैग की बदौलत उन्हें किसी ने नहीं रोका।
वही बेटे के सुरक्षित घर वापिस लौटने से परिवार में ख़ुशी है, लेकिन अभी भी परिवार के लोग उस मंजर से सहम जाते है। रजत के पिता रविंद्र शर्मा से जब संवाददाता ने बातचीत की तो उन्होंने भरे स्वर में कहा कि बेटा जब यूक्रेन में था, तो घर पर सभी से सोच कर डरे हुए थे, की उनका बच्चा सुरक्षित भी है या नहीं। लेकिन भारत सरकार के प्रयासों से सभी बच्चे सुरक्षित अपने घरों को लौट रहे है।
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