चण्डीगढ़, 22 अगस्त (कुलदीप सैनी) : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने संबंधित अधिकारियों को खनन स्थलों के भीतर व आसपास के क्षेत्रों में भू-जल स्तर की वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए खनन स्थलों पर पीजोमीटर लगाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि खनन स्थानों पर भू-जल का अत्यधिक दोहन करने के कारण भू-जल स्तर में कमी आ जाती है, जिससे अवैध खनन की संभावना बढ़ जाती है। अतः इस पर नियंत्रण रखने के लिए खनन स्थलों पर पीजोमीटर लगाये जाने आवश्यक हैं।
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश आज यहां प्रशासनिक सचिवों, जिला उपायुक्तों, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और जिला नगर आयुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य स्तरीय दिशा समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। बैठक की सह-अध्यक्षता विकास एवं पंचायत मंत्री श्री देवेंद्र बबली ने की। बैठक के दौरान केंद्र और राज्य सरकारों की विभिन्न योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की गई।
बैठक में सांसद श्री संजय भाटिया, श्री धर्मबीर सिंह, श्री अरविंद शर्मा और राज्यसभा सांसद लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डी. पी. वत्स, विधायक श्रीमती निर्मल रानी भी मौजूद रहीं। सांसद श्री बृजेंद्र सिंह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल हुए।
संबंधित कॉन्ट्रेक्टर के माध्यम से खनन स्थलों के 5 किलोमीटर के दायरे में सड़कों का रखरखाव सुनिश्चित करें
खनन स्थलों के आसपास के क्षेत्र में सड़कों का रखरखाव सुनिश्चित करने के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए कि किसी भी खनन स्थल के 5 किलोमीटर के दायरे में सभी सड़कों का रखरखाव संबंधित कॉन्ट्रेक्टर के माध्यम से ही करवाना सुनिश्चित करें। उपायुक्त इस संबंध में जिला खनिज फाउंडेशन नियम, 2017 के अनुसार प्रस्ताव तैयार करें।