बराड़ा – ट्रेन न चलने से खफा ग्रामीणों ने किया अंबाला-सहारनपुर ट्रैक जाम, लोकल पैसेंजर ट्रेन शुरू करवाने की मांग

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बराड़ा, 13 मार्च (नवदेश टाइम्स): रविवार को कोरोना काल के बाद से बंद पड़ी लोकल पैंसेजर ट्रेनों को चलवाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने गांव तंदवाल रेलवे स्टेशन पर पटरियों पर बैठकर अंबाला-सहारनपुर रेलवे ट्रैक जाम कर दिया। लगभग तीन घंटे तक ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर रेलवे लाईनों के बीच बैठेकर रेलवे के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। सुबह लगभग पौने दस बजे करीब भारी तादाद में गांव तंदवाल व आस-पास के गांवों के लोग, महिलाएं, बुजुर्ग व स्कूल, कॉलेज में जाने पर स्टूडेंट रेलवे स्टेशन की ओर चल पड़े और रेलवे लाईनों पर जाकर बैठ गए। ग्रामीणों के रेलवे स्टेशन पर पहुंचते ही आरपीएफ सहित अन्य पुलिस बल के जवान मौके पर पहुंच गए। इसी दौरान अंबाला से सरसावा रेलवे के स्लीपर व अन्य सामान लेकर जाने वाली मालगाड़ी संख्या पीक्यूआरएस ग्रामीणों को लाईनों पर बैठे देख दूर ही रूक गई। ग्रामीणों ने लाईनों के बीच बैठकर ट्रेनें चलाने की मांग को लेकर रेलवे के खिलाफ नारेबाजी कर जमकर भड़ास निकाली। लगभग तीन घंटे बाद रेलवे के अधिकारी ग्रामीणों से बात करने मौके पर पहुंचे और उन्हें समझा-बुझाकर शांत किया और जल्द ही प्रदर्शनकारियों की मांग पूरी करने का आश्वासन दिया। जिस पर ग्रामीणों ने रेलवे को 31 मार्च तक ट्रेने चलाने का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी कि अगर इस दौरान ट्रेने न चली तो ग्रामीण 1 अप्रैल को पुन: रेलवे पटरियों पर बैठकर रेलवे का चक्का जाम करेगें। स्थानीय ग्रामीणों कमल चौहान, सुशील, संजीव, कमल, गोल्डी, रजत, अशोक, कृष्ण आदि ने अधिकारियों को जल्द ही उनकी मांग पूरी करने को कहा।

पटरियों पर लगभग तीन घंटे बैठे रहे ग्रामीण :- ट्रेने न चल पाने से खफा ग्रामीणों ने पहले तो गांव के बस स्टॉप पर ही रेलवे के खिलाफ नारेबाजी की और रेलवे की ओर से बात करने आने वाले अधिकारियों का गांव में ही इंतजार किया लेकिन जब ग्रामीणों के पास रेलवे की ओर से कोई अधिकारी बात करने नहीं पहुंचा तो लगभग पौने दस बजे ग्रामीण जिसमें महिलाएं व लड़कियां भी शामिल थी, सब रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए। जहां पर दोनों ओर लाईनों पर लाल रंग का कपड़ा लगाकर रेल पटरियों पर बैठकर रेलवे के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। किसी भी अप्रिय घटना से बचाव के लिए रेलवे स्टेाशन पर भारी रेलवे पुलिस बल एम्बूलेंस व फायर बिग्रेड के साथ मौजूद रहा।
आस-पास के कई गांवो के लोगों ने भी लिया हिस्सा:- रेल रोको अभियान को लेकर ग्रामीण कई दिनों से तैयारियों में जुटे थे। इसको सफल बनाने को लेकर ग्रामीण कई दूसरे गांवों में जाकर भी लोगों को न्यौता दे रहे थे। जिससे प्रदर्शन को सफल बनाया जा सके। रविवार को प्रदर्शन में गांव तंदवाल के ग्रामीणों के अलावा घेलड़ी, चहलमाजरा, तंदवाल, राऊमाजरा सहित अन्य गांवो के लोग भी शामिल रहे।
रेल अधिकारियों से लेकर सांसदों तक मिल चुके थे ग्रामीण:- ग्रामीण कमल चौहान ने बताया कि दो साल से बंद पड़ी रेल सुविधा को शुरू करने को लेकर वह कई बार रेलवे अधिकारियों को लिखित रूप से प्रार्थना पत्र भेज चुके थे। इतना ही नहीं इस बारे में वह सांसद रतन लाल कटारिया व नायब सैनी से भी मुलाकात कर चुके थे। उन्होंने 10 मार्च से ट्रेन शुरू होने का आश्वासन भी दिया था लेकिन जब इतना सब कुछ भी होने के बाद ट्रेने शुरू नहीं हो सकी तो उन्होंने मजबूरी में रेलवे ट्रैक जाम करने के बारे में निर्णय लिया था।
रेलवे अधिकारियों ने मौके पर पहुंच प्रदर्शनकारियों को दिया आश्वासन:-रेलवे की ओर डीसीएम विवेक शर्मा प्रदर्शनकारियों से बात करने पहुंची तो उन्होंने बड़ी शांतिपूर्वक ढंग से ग्रामीणों की बात को सुना और उन्होनें ग्रामीणों को बताया कि फिलहाल इस समय इस ट्रैक पर जो पैंसेजर ट्रेनें बराड़ा रूक रही है। उन्हें चलवाने के लिए वह प्रयास करेगें। जिस पर ग्रामीणों ने रेलवे को उपरोक्त ट्रेनें रूकवाने के लिए 31 मार्च तक अल्टीमेटम दिया और चेतावनी दी कि अगर निर्धारित तिथि तक ट्रेनों का ठहराव शुरू नहीं होता तो ग्रामीण 1 अप्रैल को फिर से रेलवे ट्रैक पर बैठेगें और अपनी मांग रखेगें।

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