रादौर, 10 सितंबर (कुलदीप सैनी) : यमुनानदी में जारी अवैध खनन के खिलाफ शनिवार को उन्हेड़ी के ग्रामीण भड़क उठे और नारेबाजी कर प्रशासन के प्रति अपना रोष जाहिर किया। ग्रामीणों का कहना है कि अवैध खनन करने वाले न केवल सरकार को चूना लगा रहे है वहीं गांव की गलियों को भी क्षति पहुंचा रहे है। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर प्रशासन ने इस अवैध खनन को बंद नहीं करवाया तो ग्रामीणों को खुद आगे आने पर विवश होना होगा। ग्रामीण किसी भी कीमत में अवैध खनन को बर्दाश्त नहीं करेगें।
ग्रामीण रामबीर चौहान, कपिल, प्रीतम सिंह, राजकुमार राणा, राहुल, चांदराम, धर्मबीर, जीवराज, सोमप्रकाश ने कहा कि बरसाती सीजन के चलते 15 सितंबर तक खनन पर पाबंदी है। लेकिन इस दौरान यमुना नदी में अवैध खनन काफी बढ़ गया है। खनन करने वालों के हौंसले इतने बुलंद है कि दिन हो या रात खनन माफिया अपनी कार्रवाई को अंजाम दे रहे है। धड़ल्ले से हो रहा यह खनन लोगों को साफ दिखाई दे रहा है लेकिन पता नहीं क्यों प्रशासनिक अधिकारियों खनन माफिया आखिर क्यों दिखाई नहीं दे रहा है। जबकि थाना परिसर उनके गांव से कुछ ही दूरी पर है। खनन से लदे वाहन जठलाना थाने के सामने से होकर भी गुजरते है। इसके बावजूद न खनन विभाग और न पुलिस प्रशासन कार्रवाई करने को तैयार है। दिन रात ट्रैक्टर-ट्रालियां गांवो से होकर गुजर रही है। जिससे गांव की गलियां भी क्षतिग्रस्त हो रही है और दुर्घटनाओं को भी न्यौता मिल रहा है। कई बार ग्रामीण इसकी शिकायत कर चुके है। लेकिन शिकायत के बाद भी प्रशासन की ओर से इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। अवैध खनन से यमुनानदी के किनारे भी क्षतिग्रस्त हो रहे है। वहीं यमुनानदी का रूख भी गांव की ओर हो सकता है। जिससे आबादी को खतरा पैदा हो जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन नींद से नहीं जागा तो ग्रामीणों को खुद इस पर कार्रवाई करने पर विवश होना होगा।
कार्रवाई के आड़े आती है मिलीभगत- वरयाम सिंह
हरियाणा एंटी करप्शन सोसायटी अध्यक्ष वरयाम सिंह का कहना है कि लंबे समय से अवैध खनन माफिया क्षेत्र में हावी है। कई बार उन्होंने भी यह मुद्दा उठाया है। उन्होंने इसको लेकर हाईकोर्ट में भी याचिका लगाई हुई है। खनन माफिया पर प्रशासनिक कार्रवाई मिलीभगत के चलते नहीं हो रही है। खुलेआम चल रहा खनन जब क्षेत्र के लोगों को दिखाई देता है तो प्रशासन को आखिर यह खनन का खेल क्यों नहीं दिखाई दे रहा है। यह मिलीभगत के चलते ही हो रहा है। इसकी उच्चस्तरीय जांच हो तो बड़ा खुलासा हो सकता है।
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