रादौर, 4 अप्रैल (कुलदीप सैनी) : क्षेत्र की कई ग्राम पंचायतों द्वारा गांव के मुख्य द्वार पर लाखों रुपए ख़र्चकर लगाए गए स्वागत बोर्ड प्रशासनिक उपेक्षा के कारण कूड़े के ढेरों पर पड़े धूल फांक रहे है। दरअसल पिछले कई माह पहले आए तेज तूफ़ान के कारण यह भारी भरकम स्वागत बोर्ड नीचे ढह गए थे। लेकिन उसके बाद इन स्वागत बोर्डो को दुरुस्त करने की किसी ने भी जहमत नहीं उठाई। अलबत्ता बाहर से आने वाले लोगों को गांव की पहचान बताने वाले ये स्वागत बोर्ड आज खुद अपनी पहचान के मोहताज हो गए है।
उपमंडल के कई गांव में लाखों रुपए खर्च कर लगाए गए स्वागत बोर्ड सड़क किनारे पड़े धूल फांक रहे है। लाखों रुपए खर्च कर ग्राम पंचायतों द्वारा गांव के मुख्य द्वार पर लगाए गए लोहे के भारी-भरकम स्वागत बोर्ड लम्बे समय से टूटकर नीचे गिर पड़े हैं। कई की तो हालत ऐसी है कई स्वागत बोर्ड तो अब कचरा बनते नजर आ रहे हैं। क्षेत्र के गांव बरसान में तो स्वागत बोर्ड के ऊपर ग्रामीणों ने गोबर तक गिराना शुरू कर दिया है। इस स्वागत बोर्ड का आधे से अधिक हिस्सा गोबर के ढेर के नीचे दब गया है। अगर जल्द ही प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया तो जो हिस्सा बचा है वह भी गोबर से ढक जाएगा। वहीं क्षेत्र निवासी सचिन, मुनीष, अमन, प्रेमसिंह आदि ने बताया कि यह स्वागत बोर्ड कई महीनों पहले तेज हवा के कारण नीचे गिर गए थे, लेकिन आज तक इनको दुरुस्त नहीं किया गया। भगवानगढ़, बरहेड़ी, राझेड़ी, संधाला, मोहड़ी ऐसे कई गांव है जहां लम्बे समय से नीचे गिरे इन स्वागत बोर्डो को दुरुस्त नहीं करवाया गया है। पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद पंचायतों की बागडोर बीडीपीओ के हाथों में है, इसलिए गांव के सरपंच स्वागत बोर्ड की मरम्मत कराने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। ऐसे में स्थानीय लोगों ने प्रशासन से लाखों रुपए खर्च कर लगाए गए इन स्वागत बोर्डों की मुरम्मत कराकर दोबारा लगवाने की मांग की है।
जल्द करवाई जाएगी मुरम्मत – BDPO
खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी राज सिंह से जब इस बारे बातचीत गई, तो उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले ही उन्होंने रादौर का चार्ज संभाला है। जिन जिन गांव में स्वागत द्वार गिरे पड़े है, उनकी जल्द ही मुरम्मत करवा कर दुबारा लगवाया जाएगा।