रादौर, 5 अगस्त (कुलदीप सैनी) : जेएमआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज में प्राचार्य अध्यापक सम्मेलन के तृतीय संस्करण का आयोजन किया गया। सम्मलेन का विषय शिक्षण क्षेत्र में परिवर्तन से सफ़लतम कैरियर की आधारशिला रखना था। शिक्षण सम्मेलन में विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के 450 से अधिक प्राचार्यो व अध्यापकों ने भाग लिया। सम्मेलन का शुभारंभ दीप प्रज्वलित करके किया गया। सम्मेलन में मुकन्द स्कूल संस्थाओं की निदेशक शशि बाठला ने मौजूदा समय में छात्रों की उत्कृष्ट गतिविधियों पर प्रकाश डाला। उन्होने साइबर अपराध के प्रति जागरूक होने और गुणवत्ता में खरी उतरने वाली शिक्षण प्रणाली को अपनाने की बात कही।
जेएमआईटी कॉलेज के निदेशक डॉ एस के गर्ग ने मौजूदा समय में नई शिक्षा नीति के उन्मूलन व क्रियान्वयन के संदर्भ में आने वाली चुनौतियों के बारे में अपने विचार रखें। उन्होंने संस्थान द्वारा नई शिक्षा नीति के अनुसरण में चलाए जाने वाले पाठ्यक्रमों की जानकारी दी। जिसमें उन्होंने औद्योगिक क्रांति के चौथे संस्करण पर अपने विचार साझा किए।
उद्योग जगत का प्रतिनिधित्व करते हुए सम्मेलन में शामिल हुए रजत सिक्का ने शिक्षा प्रणाली में आधारभूत ढांचे में बदलाव करने की बात की। उन्होंने नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को उद्योग जगत की मूलभूत आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा की वक़ालत की। वही जेएमआईईटीआई के निदेशक डॉ विवेक शर्मा ने जीवन में स्वरोजगार तथा कौशल के विकास और उपयोगिता के महत्व को सबके साथ सांझा किया और भविष्य में इस प्रकार के मंच पर राष्ट्र कल्याण हेतु मंथन की बात की।
इस सम्मेलन में मंच संचालन डॉ जया मल्होत्रा व कैफ़ी ने किया। सम्मेलन की रूपरेखा डॉ जया के साथ साथ प्राध्यापिकाओ प्रियंका व मोनिका द्वारा तैयार की गई। मुख्य वक्ताओं मे महासचिव मुकंद संस्थान प्रबंधक समिति डॉ रमेश कुमार, अजय कुमार, वेगा शर्मा, श्रुति वधवा, सुश्री मेघा अरोड़ा ने अपने-अपने विचारों से संबंधित प्रयोगात्मक विधाओं को लेकर मंथन किया।