रादौर, 11 जुलाई (कुलदीप सैनी) : श्री दण्डी स्वामी आश्रम नागेश्वर धाम पक्का घाट रादौर में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर चल रही सात दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के छठे दिन प्रवचन करते हुए कथावाचक धनंजय स्वरूप ब्रह्मचारी ने बताया कि हम सबके जीवन का रक्षक धर्म हैं और धर्म से विमुख होना ही हमारे दुख का कारण है। इसीलिए शास्त्र ने कहा है कि धर्मो रक्षति रक्षितः: जिस व्यक्ति के पास कुछ होता है वह जीवन को धर्ममय जीते हुए अपने सुख समृद्धि और शक्ति को सुरक्षित रखना चाहिए क्योंकि जीवन में सुख दुख बराबर के हिस्सेदार हैं और जीवन में आते रहते हैं। अयोध्या के चक्रवर्ती महाराज दशरथ जैसे जो सर्व सुविधाओं से सर्व सुखों से संपन्न थे स्वयं परमात्मा उनके पुत्र बनकर आए फिर भी उनके घर पर विपत्ति आई उनके जीवन में अनेक प्रकार से विपत्ति आई। जिस परमात्मा राम को दशरथ जी राजा बनाना चाहते थे , उनके जीवन में आई विपत्तियों के कारण उन्हें बन में जाना पड़ा इसलिए इस प्रसंग से हम सबको शिक्षा मिलता है कि जब हमारे पास सुख सुविधा आए संपन्नता आए तो हमें सतर्क होकर के धर्म का आश्रय लेकर जीवन को धर्म मार्ग पर चलाने का निरंतर प्रयत्न करना चाहिए और अपने जीवन को सुरक्षित करना चाहिए ही यही मानवता वास्तविक धर्म है। इस मौके पर पं ज्ञान प्रकाश शर्मा, ,सुरेन्द्र शर्मा, देवीदत्त शर्मा , बलबीर बंसल, सचिन राणा रादौर, मंजित सैनी, परमेश्वर देवी, सरला देवी, कौशल देवी आदि सैकड़ों भक्तों ने कथा का आनंद लिया