रादौर, 11 अगस्त (कुलदीप सैनी) : आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत इस वर्ष आजादी का पर्व बड़े स्तर पर सरकार व प्रशासन की ओर से मनाने का निर्णय लिया गया है। जिसके लिए हर घर तिरंगा पहुंंचाने का लक्ष्य रखा गया है। ताकि हर घर की छत पर तिरंगा लहरा सके। लेकिन प्रशासन की ओर से तिरंगा पहुंचाने का जो कार्य किया जा रहा है उसमें खानापूर्ति की जा रही है। प्रशासन की ओर से उपलब्ध करवाए जा रहे तिरंगे में न तो साइज का ध्यान रखा जा रहा है और न ही उसकी गुणवत्ता का। इतना ही नहीं तिरंगे में डंडा लगाने के लिए जगह भी नहीं बनाई गई है। हर घर तिरंगा कार्यक्रम को लेकर केवल एक वार्ड को ही चिह्नित कर अपने कार्य की इतिश्री प्रशासन की ओर से कर ली गई है। जबकि अन्य वार्डो में केवल 10-10 तिरंगे भेजकर अपने कार्य की इतिश्री पूरी कर ली गई। जबकि हर घर तिरंगा पहुंचाने की बात प्रशासन की ओर से की जा रही है। ऐसे में न केवल रादौर के पार्षदों में रोष है बल्कि लोगों ने भी इस पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि अगर प्रशासन इस कार्य को उचित प्रकार से करना ही नहीं चाहता तो इस प्रकार की खानापूर्ति क्यों की जा रही है। इसमें भी बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार होने का अंदेशा है। इसलिए इसकी जांच होनी चाहिए। मामले को लेकर जब नपा के लेखाकार नीरज कांबोज से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पीछे से जिस प्रकार के तिरंगे उनके पास आ रहे है वहीं पार्षदों को उपलब्ध करवाए जा रहे है। हर घर तिरंगा पहुंचाने के लिए केवल एक वार्ड को ही चुना गया है उसमें झंडे लगवा दिए गए है।