रादौर, 3 अगस्त (कुलदीप सैनी) : श्री शंकराचार्य मठ सनातन ज्ञान पीठ बड़शामी एक बैठक का आयोजन स्वामी महेशाश्रम महाराज की अध्यक्षता में किया गया। जिसमें क्षेत्र के मंदिरों के पुजारियों व आचार्यों ने भाग लिया। बैठक में श्री कृष्ण जन्माष्टमी 18 अगस्त को एक ही दिन मनाने का निर्णय लिया गया।
धनंजय स्वरूप ब्रह्मचारी ने बताया की हमारे हिंदू पंचांग के अनुसार अष्टमी तिथि 18 अगस्त को रात्रि से होगी। क्योंकि कृष्ण जन्माष्टमी निशावृति माना गया है। इसलिए निशावृति होने के कारण अष्टमी तिथि 18 अगस्त को रात्रि में प्राप्त है। भगवान का जन्म समारोह मनाना हमारे सनातन धर्मावलंबियों का कर्तव्य है। भगवान का जन्म नहीं होता है भगवान प्रकट होते हैं परंतु हम गृहस्थ हैं और सभी गृहस्थों इस प्रकार के उत्सव अपने भाव से मनाना चाहिए। इस अवसर पर शिव मंदिर अंधेरिया बाग से महंत यमुनागिरी शास्त्री, राधा कृष्ण मंदिर से आचार्य भगवती प्रसाद शुक्ल, कच्चा घाट मंदिर के पुजारी, पं कमलेश अवस्थी, देवी मंदिर सुरेश शुक्ला, पं राजाराम त्रिपाठी, अवध किशोर, संजय शर्मा इत्यादि मौजूद रहे।
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