रादौर, 24 अप्रैल (कुलदीप सैनी) : अप्रैल में ही गर्मी लोगों के पसीने छुड़ा रही है। ऐसे में मई और जून में पड़ने वाली भीषण गर्मी के बारे में सोच कर आम जन अभी से बेहाल है। वही मौसम में लगातार गर्मी व लू के बढ़ते प्रकोप ने हरे चारे पर अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। किसानो की माने तो गर्मी से उनकी हरे चारे की फसल सुखने लगी है। उन्होंने कहा की अप्रैल की गर्मी में ही फसल का ये हाल है, तो मई और जून की गर्मी में हरे चारे का संकट गहरा सकता है।
पशुपालकों पर पड़ रही दोहरी मार
क्षेत्र के गांव संधाला के किसान अमरजीत ने बताया कि इस वर्ष किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। एक तरफ जहां इस बार सूखे चारे के दाम आसमान छू रहे है। वही अब मौसम की मार से हरा चारा भी सूखने लगा है। उन्होंने बताया कि जिन किसानों के पास अपनी भूमि है वे, तो जैसे कैसे कर अपने पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था कर लेंगे, लेकिन जो किसान मार्किट से चारा ख़रीद कर पशुपालन का कार्य करते है उन्हें इस बार महंगा चारा खरीदना पड़ सकता है।
पशुपालन का कार्य करना हुआ मुश्किल
गांव गुमथला के पशुपालक सतनाम सिंह का कहना है की इस वर्ष पहले ही सूखे चारे की कीमतों में आई तेजी से उन्हें जूझना पड़ा था, वही अब गर्मी के कारण उनकी हरे चारे की फसल भी लगातार सूखती जा रही। उनका कहना है की अगर मौसम में आगे भी गर्माहट बढ़ती है तो इस वर्ष पशुओं लिए हरे चारे का संकट गहरा सकता है। जिस कारण पशुपालकों को पशुओं को सूखे चारे में मिक्स्चर आदि मिलाकर देने पर मजबूर होना पड़ेगा।
खेत में सिंचाई करते रहे किसान
इस बारे खंड कृषि अधिकारी डॉ. राकेश अग्रवाल ने माना की इस समय भीषण गर्मी के कारण हरे चारे के सूखने की समस्या आ रही है। जिसके लिय उन्होंने किसानो को फसल में सुबह और शाम को सिंचाई करने की सलाह दी है। उन्होंने आगाह करते हुए कहा की किसान दोपहर के समय सिंचाई करने से बचे क्योकिं दोपहर में सिंचाई करने से पानी गर्म हो जाता है और फसल पर इसका ज्यादा दुष्प्रभाव पड़ता है।