रादौर, 28 अप्रैल (कुलदीप सैनी) : दूसरे राज्यों में भूसा ले जाने पर जिला प्रशासन के प्रतिबंध के बावजूद व्यापारी धड्ड्ले से भूसे को यूपी में ले जा रहे है। मुख्य मार्गो पर पुलिस से बचते हुए व्यापारियों द्वारा अब यमुना नदी के नगली घाट पर बने अस्थाई रास्ते से इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार यहां से प्रतिदिन सैकड़ों भूसे से लदे वाहन दिनरात हरियाणा से उत्तर प्रदेश में जा रहे है। रोक के बाद क्षेत्र में भी भूसे के दाम आसमान छूने लगे है। भूसे के दाम 15 हजार रूपए प्रति एकड़ पर पहुंच चुके है। इतमें दामों पर भी भूसा नहीं मिल पा रहा है। व्यापारी हरियाणा से भूसा खरीद उसे उत्तर प्रदेश में खपा रहे है। अगर इस पर रोक नहीं लगी तो क्षेत्र में सूखे चारे का संकट छा सकता है। क्षेत्रवासी सर्वजीत, राजेश कुमार, नाथीराम, हरनाम, अवतार, जसविंदर व रमेश का कहना है कि इस बार प्रदेश में गेहूं का उत्पादन बेहद कम रहा है। वहीं भूसा भी काफी कम निकला। भूसे की कमी के चलते पशुपालक भी पशु बेच रहे है। प्रदेश में सूखे चारे का संकट छाने का खतरा है। भूसे की कमी व बढ़ते दाम को लेकर सरकार सख्त हो गई है। जिस कारण प्रदेश के कई जिलों के अलावा यमुनानगर जिले में भी डीसी ने भूसे को दूसरे प्रदेशों में ले जाने पर रोक लगाई है। लेकिन यमुना नदी के नगली घाट पर बने अस्थाई रास्ते से दिनरात भूसे से भरे ओवरलोड़ ट्रैक्टर-ट्रॉलियां उत्तर प्रदेश जा रही है। क्षेत्र में एक थाना, एक पुलिस चौकी व दो डायल 112 की गाड़ियों पर तैनात पुलिस जवानों के आगे से यह वाहन भूसा लेकर गुजर रहे है। दिरात यह कार्य चल रहा है। लेकिन इन्हें नहीं रोका जा रहा है। आरोप है कि मिलीभगत से पूरा कार्य चल रहा है। इसे रोका जाना जरूरी है। अगर इस पर रोक नहीं लगी तो भूसे का संकट क्षेत्र में छा सकता है।