रादौर, 14 दिसंबर (कुलदीप सैनी) :एक ओर जहां समाज में दहेज प्रताड़ना के कई मामले हर दिन सुनने में मिलते है। जिसमें दहेज के लोभी पैसे के लालच में अपनी पुत्रवधू को मारने तक में भी गुरेज नहीं करते। ऐसे लोगों को आज एक परिवार ने आईना दिखाकर एक अनूठी पहल की है। अपने बेटे की शादी करने बारात लेकर पहुंचे करनाल के औगंध गांव निवासी साहब सिंह ने लड़की के परिवार से किसी भी प्रकार का दहेज लेने से मना कर दिया। लड़की के परिवार के सदस्य वर पक्ष को जेवर, नगदी व अन्य सामान देने का प्रयास करते रहे लेकिन वर पक्ष के लोगों ने उसे लेने से मना दिया और एक नारियल व एक रूपए का सिक्का लेकर शादी पूर्ण की। बता दे कि गांव खजूरी निवासी हिशम सिंह ने अपनी अध्यापिका बेटी सोनम का रिश्ता औगंद करनाल निवासी सेवानिवृत अध्यापक साहब सिंह के बेटे सचिन राणा से तय किया था। जिसके बाद आज साहब सिंह अपने परिजनों व रिश्तेदारों के साथ बेटे की बारात लेकर पहुंचे। जब लड़की पक्ष के लोगों ने रश्मों के अनुसार उन्हें उपहार देने शुरू किए तो साहब सिंह ने यह कहते हुए कि वह अपने बेटे की शादी कर रहे है न कि उसे बेच रहे है। इसलिए शादी में इस प्रकार से बड़े उपहार व नगदी लेना उचित नहीं है। उनका मानना है कि इन बुराइयों को समाप्त करने के लिए हम सभी को आगे आना होगा। बिना दहेज के की गई शादी समाज को एक बेहतर संदेश देती है।