रादौर, 3 मई (कुलदीप सैनी) : बुजुर्गो के सम्मान के लिए शुरू की गई वृद्धावस्था पेंशन योजना समय समय पर बुजुर्गों के लिए परेशानी का कारण बन रही है। कभी पैंशन में देरी तो कभी लापरवाह कर्मचारियों के कारण से पैंशन लेने में वृद्धों को समाज कल्याण विभाग कार्यालय के चक्कर लगाने पर विवश होना पड़ता है। ऐसा ही एक मामला क्षेत्र के गांव रतनगढ़ (नंदपुरा) में सामने आया है। जहां एक वृद्ध व्यक्ति को पैंशन कार्यालय में मृत घोषित कर उसकी पैंशन ही बंद कर दी गई। एक महीने की पैंशन न आने पर जब उसने कार्यालय जाकर पता किया तो उसे इसकी जानकारी हुई। अब दोबारा पैंशन चालू करवाने के लिए उसे जरूरी कागजात एकत्रित कर कार्यालय में जमा करवाने होगें और समस्या से गुजरना होगा। वृद्ध ने लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
गांव रतनगढ़ नंदपुरा निवासी 72 वर्षीय दूनीचंद कांबोज ने बताया कि पिछले माह उसकी पैंशन नहीं आई थी। जिसके लिए वह कई बार बैंक गया लेकिन पैंशन न आने का कारण पता नहीं चला। परेशान होकर वह यमुनानगर विभाग के कार्यालय पहुंचा। जहां उसने उसकी पैंशन बंद होने का कारण पूछा तो उसे बताया गया कि वह विभाग के रिकार्ड में मृत घोषित है। इसलिए उसे अब जरूरी कागजात दोबारा जमा करवाने होगें। जब मैने ऐसा होने का कारण पूछा तो कर्मचारियों ने उसका कोई संतोष जनक उत्तर नहीं दिया। यह कर्मचारियों की लापरवाही का नतीजा है। कर्मचारियों ने बिना इसकी जांच पड़ताल किए उसकी पैंशन बंद कर दी। जिसके कारण अब उसे अपनी पैंशन लगवाने के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है। वृद्ध व्यक्ति ज्यादा घूम फिर नहीं सकता। लेकिन कर्मचारियों को इसकी कोई परवाह नहीं है। सरकार ने यह योजना वृद्धों के सम्मान के लिए शुरू की है। लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही के कारण वृद्धों को इस योजना का लाभ लेने के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
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